मथुरा उत्तर प्रदेश राज्य का बहुत ही धार्मिक स्थल है क्योंकि यह शहर हिंदू
धर्म के भगवान कृष्ण की जन्म भूमि है। मान्यता है, कि प्राचीन समय में
मथुरा के राजा कंस बहुत ही अत्याचारी और दुष्ट था और उसके पापों का घड़ा भर
गया तब उसके विनाश करने के लिए एक आकाशवाणी हुई कि देवकी (कंस की बहन) का
आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा तब राजा कंस ने अपनी बहन और उनके
पति को जेल में बंद कर दिया और जब - जब देवकी का संतान पैदा होता, तब तब उन
बच्चो को वह खुद मार देता और अंत में आठवें पुत्र के रूप में पालनहार
नारायण श्री कृष्ण के रूप में जन्म हुआ और श्री कृष्ण ने अपने बाल्यावस्था
में ही कंस को मारा। यह शहर श्री कृष्ण के जन्म के कारण प्रसिद्ध है।
ज्यादातर लोग यहां श्री कृष्ण का चिंतन, भक्ति, पूजा पाठ व अनुष्ठान आदि
करने के लिए आते हैं, तो अगर आप भी कृष्ण की भक्ति में खोने के लिए मथुरा
में आने की योजना बना रहे हैं, तो आज का यह लेख आप लोगों के लिए बहुत
उपयोगी होने वाला है, जिसमे हम आपको मथुरा में घूमने की जगह (Places To Visit in Mathura) देने वाले हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
यह
मंदिर भगवान श्री कृष्ण के द्वारिकानाथ रूप को समर्पित है, जिन्हें
द्वारिकाधीश के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मथुरा के सबसे सुंदर
मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण श्री कृष्ण के परम भक्त सेठ
गोकुल दास पारिख ने सन् 1814 में करवाया था। मंदिर में सुंदर राजस्थानी
पैटर्न का प्रयोग किया गया है। मंदिर के नकाशीदार स्तंभ भगवान कृष्ण के
जीवन का दर्शाते हैं। प्रांगण की दीवारों पर लगे चित्र भगवान श्री कृष्ण के
जन्म और उनकी रास लीला को दर्शाते हैं। मंदिर परिसर में श्री कृष्ण की
पसंदीदा तुलसी का एक छोटा सा पौधा भी है। मंदिर में जन्माष्टमी, झूलन
यात्रा, हिंडोला उत्सव आदि बहुत ही सुन्दर तरीके से मनाया जाता है। हिंडोला
उत्सव में श्रावण मास के समय श्री कृष्ण की मूर्ति एक हिंडोला (झूले का
सेट) के भीतर रहती है और झूलन यात्रा भी श्रावण के महीने में होती है। यह
त्योहार 13 दिन का होता है। श्री कृष्ण और राधा रानी झूले का आनंद लेते
हैं, जो बहुत ही आकर्षक होता है।
(Mathura Best Places - Shree Krishn Janmbhoomi Temple)
यह
मंदिर भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है। श्री कृष्ण के
जन्मस्थान होने के कारण यह मंदिर देश भर में बहुत प्रसिद्ध है। लाखो भक्त
श्री कृष्ण के पवित्र जन्मस्थान में माथा टेकने और पूजा पाठ करने के लिए
आते हैं। किवंदती के अनुसार, मथुरा के राजा (कंस) की बहन देवकी का विवाह जब
वसुदेव जी से हुआ, तब एक आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र राजा कंस
की मृत्यु का कारण बनेगा। आकाशवाणी को सुनते ही कंस ने अपने बहन और
जीजाश्री (देवकी और वसुदेव) को जेल में बंद कर दिया। देवकी और वसुदेव के
आंठो संतान का जन्म जेल में ही हुआ, जिसमे से कंस ने देवकी के सातों संतान
की हत्या कर दी, लेकिन आठवें पुत्र के रूप में पालनहार नारायण ने श्री
कृष्ण के रूप में जन्म लिया। नारायण के चमत्कार से जन्म के समय जेल के सारे
दरवाजे खुल गए और वसुदेव जी ने यमुना पार कर श्री कृष्ण को नंद और यशोदा
के घर छोड़ आए। मंदिर में जन्माष्टमी, बसंत पंचमी, होली, दिवाली का त्योहार
बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है।
लोकेशन :- मथुरा - डीग मार्ग, डीग गेट चौराहा के पास, जन्मभूमि, मथुरा, उत्तर प्रदेश, 281001, भारत
समय :- सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे से रात 9:30 बजे तक
नोट :- सुरक्षा कारणों से मंदिर परिसर में मोबाइल, सेल फोन, कैमरा आदि ले जाने की अनुमति नहीं है।
3. मथुरा घूमने की जगह - गीता मंदिर
(Mathura Ghumne Ki Jagah - Gita Mandir)
इस
मंदिर की स्थापना उद्योगपति बिड़ला समूह के द्वारा किया गया है, इसीलिए इस
मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के
सबसे पवित्र ग्रंथ श्रीमदभगवद्गीता को समर्पित है, जिसका एक - एक शब्द
श्री कृष्ण के मुख से निकला है। वही शब्द जो कुरुक्षेत्र में युद्ध के
दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अपने पांडव शिष्य अर्जुन को कहे थे। मंदिर में
श्रीमदभगवद्गीता के अध्याय और श्लोक शिलालेख में उकेरे गए हैं। गर्भगृह में
राधा कृष्ण, राम सीता, लक्ष्मी नारायण और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित
हैं। गर्भ गृह के ठीक समाने पालनहार नारायण के वाहन गरुड़ की प्रतिमा भी
है। परिसर में एक विशाल गीता स्तंभ है, जो असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक
है।
लोकेशन :- गौशाला नगर, गीता मंदिर मार्ग, श्री धाम वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281121
समय :- सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे और दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक
4. मथुरा की घाट - विश्राम घाट
(Mathura Ghat - Vishram Ghat)
विश्राम
घाट, मथुरा में यमुना नदी के तट पर स्थित 25 घाटों में से एक और केंद्र
में है। विश्राम घाट के उत्तर में 12 घाट और दक्षिण में 12 घाट हैं।
मान्यता है, कि जब श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया, तब कान्हा इसी
घाट पर आकर स्नान करके विश्राम किया, इसी कारण से इस घाट का नाम विश्राम
घाट पड़ा। देश भर के तीर्थयात्री इस घाट पर आकर पवित्र यमुना नदी में स्नान
करते हैं, पूजा - पाठ, अनुष्ठान करते हैं। घाट का मुख्य आकर्षण शाम के समय
होने वाली यमुना आरती है। लोग यहां देवी यमुना की आरती करते हैं। यहां आप
नाव की सवारी का आनंद भी उठा सकते हैं। घाट पर सबसे अधिक भीड़ भाईदूज (जिसे
यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है) के अवसर पर होती है।
लोकेशन :- छोंका पाड़ा, चौबे पारा, मथुरा, उत्तर प्रदेश, 281001
समय :- 24 घंटे खुला
5. मथुरा कंस महल - कंस किला
(Mathura Kans Mahal - Kans Kila)
यह
किला श्री कृष्ण के मामा कंस का किला था, किले को स्थानीय लोग पुराने किले
के नाम से भी जानते हैं। इस किले में आप हिंदू और इस्लामिक वास्तुकला का
सुंदर मिश्रण देख सकते हैं। हालांकि यह किला अपने सबसे अच्छी स्थिति में
नहीं है, फिर भी किला पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित
करती है। कहा जाता है, कि किले में एक वेधशाला थी, लेकिन किले में वेधशाला
का कोई संकेत नहीं है।
लोकेशन :- रतनकुंड, चौक बाजार, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281001
समय :- सुबह 8.00 बजे से शाम 5 बजे तक
6. मथुरा वाटरपार्क - डॉल्फिन वर्ल्ड वाटर पार्क
(Mathura Waterpark - Dolphin World's Waterpark)
इस
धार्मिक शहर में आपके लिए मनोरंजन की व्यवस्था भी की गई है। यह वाटर पार्क
14 एकड़ में फैला हुआ है। इस पार्क में बच्चो से लेकर वयस्क तक सभी के लिए
कुछ न कुछ है। वाटरपार्क में बहुत से स्लाइड्स, स्विमिंग पूल, राइड्स आदि
की व्यवस्था भी है। इसके अलावा, पार्क में बच्चो के लिए एक मनोरंजक पार्क
भी है। वाटरपार्क में लॉकर रूम की सुविधा भी है, जहां आप अपने सामान को
सुरक्षित रख सकते हैं।
लोकेशन :- मथुरा रोड, रुनकता, उत्तर प्रदेश 282007
समय :- सुबह 11:30 बजे से शाम 6 बजे
7. मथुरा घूमने की स्थान - राजकीय संग्रहालय
(Mathura Places To Visit - Government Museum)
यह
म्यूजियम मथुरा में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है। इस म्यूजियम को
शुरू में पुरातत्व के कर्जन संग्रहालय के नाम से जाना जाता था। यह म्यूजियम
डैंपियर पार्क में स्थित है। संग्रहालय में प्राचीन अवशेष, मूर्तियां,
सिक्के और चित्रों का काफी बड़ा संग्रह है। स्थानीय लोग इस म्यूजियम को
मथुरा म्यूजियम के नाम से जानते हैं। इस संग्रहालय में मथुरा और आस पास के
प्रसिद्ध पुरातत्विदो द्वारा की गई खोजों का प्रदर्शन भी है। अगर आप
इतिहास, कला और वास्तुकला के प्रेमी है, तो इस संग्रहालय में आप एक बार
जरूर जाएं।
लोकेशन :- म्यूजियम रोड, डैम्पियर नगर, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281001
समय :- सुबह 10:30 से शाम 4:30 बजे तक, (रविवार और सोमवार बंद)
8. मथुरा टूरिस्ट प्लेस - चामुंडा देवी मंदिर
(Mathura Tourist Places - Chamunda Devi Temple)
चामुंडा
देवी मंदिर देवी सती को समर्पित 51शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर की
मान्यता है, कि यहां देवी सती के बाल गिरे थे। ऐसा भी माना जाता है, कि मां
चामुंडा नंद बाबा की कुल देवी भी हैं। नंद बाबा ने सरस्वती कुंड में
कान्हा का मुंडन कराने के बाद मां चामुंडा का आशीर्वाद लेने के लिए आए थे।
ऐसा भी माना जाता है, कि भगवान श्री कृष्ण ने एक अजगर को मोक्ष प्रदान करके
मां चामुंडा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आए थे। इस मंदिर की प्रमुख
आकर्षण यह है, कि मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है।
लोकेशन :- मसानी, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281003
समय :- सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक (सोमवार से शनिवार) और सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक (रविवार)
9.मथुरा की फेमस मंदिर - श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर
(Mathura Famous Temple - Shree Bhuteshwar Mahadev Temple)
यह
मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है और साथ ही साथ यह एक
शक्तिपीठ भी है। मान्यता है, कि देवी सती यज्ञ में अपनी जान दे देती हैं और
जब यह बात भगवान शिव को पता चलती है, तो भगवान शिव दुखी होकर मां सती के
शव को उठाकर इधर उधर घूमने लगते हैं, तब पालनहार नारायण भगवान शिव की
पवित्रता को बचाने के लिए देवी सती के 51 टुकड़े कर देते हैं और यह वही जगह
है, जहां देवी सती के अंगूठी आकर गिरी थी, इसीलिए यह जगह एक शक्तिपीठ के
रूप में जानी जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, मथुरा की स्थापना भगवान श्री
राम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने किया था और उन्होंने ही भूतेश्वर महादेव की
स्थापना की। लोगो का मानना है, कि भूतेश्वर महादेव शहर को बुरी शक्तियों से
बचाते हैं। मंदिर में पाताल देवी भी हैं, जहां राजा कंस ने देवी की पूजा
की थी।
लोकेशन :- भूतेश्वर, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281001
समय :- सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 4:30 बजे से रात 10:30 बजे तक
10. मथुरा में घूमने वाली जगह - दाऊजी मन्दिर
(Mathura Me Ghumne Wali jagah - Shree Dauji Maharaj Temple)
यह
मंदिर भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी को समर्पित है। श्री कृष्ण
अपने भाई को प्रेम से दाऊ कहा करते थे, इसीलिए इस मंदिर का नाम भी दाऊ जी
मंदिर है। यह मंदिर लगभग 5000 वर्ष पुराना है, जो मथुरा के गिने चुने सबसे
पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर में बलराम जी की 7 फीट ऊंची प्रतिमा
स्थापित है, जिसमे उनके एक हाथ में वरुणी के साथ एक शाही प्याला है। बलराम
जी के साथ उनकी पत्नी रेवती की प्रतिमा भी है।
लोकेशन :- मंडी रामदास रोड, चौक बाजार, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281001
समय :- सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक
0 Comments